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आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने जा रही है. हालांकि पार्टी अध्यक्ष राजनाथ जी को उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. पार्टी के दिग्गज नेता आडवाणी, सुषमा स्वराज आदि को रजामंद करना उनके लिए आसान नहीं था फिर भी उन्होंने मोदी जी की युवाओं पर पकड़ को भांपकर मोदी जी को ही प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया. मोदी जी का आकर्षक व्यक्तित्व, भाषा पर पकड़, उनके आइडियाज, विज़न और गुजरात का विकास मॉडल ने देश के युवाओं को ख़ासा आकर्षित किया है.
आज़ादी के बाद देश में ये शायद पहला चुनाव है जिसमे आम आदमी और खासकर युवा वर्ग को चुनावों का बेसब्री से इंतज़ार है और इसका कारण है कांग्रेस पार्टी का दस सालों का कुशासन. देश की जनता महंगाई, बेरोजगारी आदि से त्रस्त है और नेता घोटालों में व्यस्त है. नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी से जनता को एक उम्मीद की किरण दिखाए दी है और इसलिए आम जनता को चुनावों का बेसब्री से इंतज़ार है.
मीडिया में दिखाए जा रहे सर्वे के हिसाब से बीजेपी का यह फैसला सही दिखाई दे रहा है क्यूंकि सर्वे के अनुसार अक्टूबर माह में बीजेपी गठबंधन को १६० से १७० सीटें मिलने की सम्भावना जताई जा रही थी जो अब बढ़कर २२० से २३० तक पहुँच गयी है और अभी चुनाव में लगभग दो माह का वक़्त बाकी है. नरेंद्र मोदी की अभी तक हुई रैलियों में अपार जन समर्थन का मिलना इसका पुख्ता सबूत है. युवा वर्ग सोशल साइट्स फेसबुक आदि के माध्यम से मोदी जी के लिए समर्थन जुटा रहा है. चुनावी सर्वे, मोदी जी की रैलियों में भारी भीड़ और सोशल मीडिया में मोदी जी की लोकप्रियता को देखते हुए विपक्ष ने भी उन पर हमला बोल दिया है. लेकिन विपक्ष के पास गुजरात दंगों के अलावा मोदी जी को घेरने का कोई मुद्दा नहीं है और गुजरात दंगों में भी उन्हें एस आई टी की क्लीन चिट मिल चुकी है.
विपक्ष मोदी जी के खिलाफ एकजुट हो चुका हैं. सभी पार्टियां चाहे वो क्षेत्रीय हों या केंद्रीय सभी मोदी जी को गुजरात दंगों पर घेरने में लगी हैं. सभी पार्टियों के द्वारा मुसलमानो को मोदी के खिलाफ भड़काया जा रहा है जबकि ये सब उनके लिए देश के मुसलमानो को इस्तेमाल करने का षड़यंत्र है. मोदी जी का गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल अभूतपूर्व है उनके राज्य ने मोदी के राज में जबर्दस्त विकास है और गुजरात का मुसलमान बाकी देश के मुसलमानो से खुशहाल और संपन्न है. इसलिए अब वक़्त है देश के मुसलमानो को सोचने और अपनी बुद्धि और विवेक से वोट करने का.
विश्व की दो महाशक्तियां अमेरिका और जापान के मंत्रिमंडल और राजनयिक का बार बार गुजरात दौरा करना और पाकिस्तानी मीडिया द्वारा प्राइम टाइम में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर बहस करना कहीं न कहीं ये साबित करता है कि ये देश मोदी को भारत का आगामी प्रधानमंत्री मान चुके हैं.
और एक बहुत ही अच्छी पोस्ट एक फेसबुक यूजर श्रीकांत चौहान जी के द्वारा :-
देखिये सीधी सी बात ये हैं कि ……………………………………….
● मुझे वाकई फर्क नहीं पड़ता कि मोदी अम्बानी के एजेंट हैं या अडानी के क्यूंकि मुझे विश्वास हैं वो पाकिस्तान के एजेंट नहीं हैं |
● मुझे नहीं मालूम कि मैं मोदी को वोट क्यूँ दूंगा लेकिन मुझे अच्छी तरह मालुम हैं कि मुझे कांग्रेस व AAP को वोट क्यूँ नहीं देना हैं |
● मुझे नहीं मालूम कि मोदी गुजरात के तरह ही देश को चला पायेंगे या नहीं लेकिन ये यकीन हैं कि वो वादे करके 49 दिन में भागेंगे नहीं |
● मुझे ये भी नहीं मालूम कि मोदी हिंदुत्व को आगे ला पायेंगे या नहीं लेकिन इसका यकीन हैं वो इमाम बुखारी व तौकीर रजा जैसों से हाथ नहीं मिलायेंगे |
● मुझे वाकई नहीं मालूम कि कांग्रेस ने क्या-क्या वादे किए हैं लेकिन ये अच्छी तरह मालूम हैं कि मोदी ने कितने वादे निभाए हैं |
● मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मोदी के पास 56 इंच का सीना हैं या नहीं लेकिन ये पता हैं कि उनके सीने में ‘दम’ हैं ‘दमा’ नहीं |
● मुझे वाकई नहीं मालूम की पीएम बनने के बाद मोदी भारत से छिनी गयी भूमि वापस ले पायेंगे या नहीं पर इतना यकीन हैं कश्मीर उन्हें नहीं दिया जाएगा |
● मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता अगर मोदी के आने से सीनियर लीडर नाराज़ हो जाए क्यूंकि मुझे यकीन हैं उनके आने से युवा पीढ़ी खुश हो जायेगी |
और अंत में
● मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मोदी के पास इतिहास की जानकारी हैं या नहीं क्यूंकि मुझे पक्का यकीन हैं उनके पास भविष्य की तैयारी हैं |
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