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हमारी न्याय व्यवस्था में श्री श्री अरविन्द केजरीवाल जी ने एक नया और क्रन्तिकारी बदलाव किया है कि अब लोअर कोर्ट, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के बाद केजरीवाल कोर्ट. और मजे कि बात ये है कि केजरीवाल कोर्ट में जज भी वे स्वयं, वकील भी स्वयं, आरोप भी उनके और फैसला भी उनका. और हाँ जनाब करैक्टर सर्टिफिकेट भी जारी करते हैं. तो अब अगर किसी को करैक्टर सर्टिफिकेट लेना है तो केजरीवाल जी को संपर्क कीजिये.
कल उनके द्वारा जारी कि गयी भ्रष्ट नेताओं कि लिस्ट से तो यही लगता है कि उनकी लिस्ट में जिनका नाम वे सब भ्रष्ट और जिनका नाम नहीं है वे सब ईमानदार बशर्ते उनका नाम अगली लिस्ट में न हो. लेकिन श्री श्री कि लिस्ट में कुछ नाम ऐसे हैं जो चौकाने वाले है क्यूंकि उनके खिलाफ न तो कोई भ्रष्टाचार का मामला और न ही कोई जांच. लेकिन भई ये उनकी न्याय व्यवस्था है किसी कि हिम्मत कहाँ कि कोई सवाल उठाये. लेकिन एक बात तो है कि श्री श्री मीडिया में रहने का कारण तो बखूबी ढूंढ ही लेते हैं. जब उनकी धरने कि दुकान फीकी पड़ी तो श्री श्री ने भ्रष्ट नेताओं कि लिस्ट जारी कर दी है.
एक मुख्यमंत्री कि ऐसी कार्यशैली कि मिसाल शायद ही आपको इतिहास में मिले. पिछले एक सवा महीने कि सरकार में मुख्यमंत्री जी कार्यालय में कम टीवी पर और सड़को पर ज्यादा दिखाई दिए. मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर होने के बाद भी श्री श्री का ध्यान धरने और कीचड़ उछालने पर है. लगभग उन्ही के साथ शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री शिवराज जी, वसुंधरा जी व रमन सिंह जी शायद ही कभी पिछले एक महीने में कहीं टीवी पर दिखायी दिए हों. यही तो लीला है श्री श्री की मीडिया में बना रहना भी कम काम नहीं हैं.
विशाल पंडित
मुज़फ्फरनगर
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